मिलावटी तरबूज से हो सकता है गंभीर नुकसान, पहचानने के ये हैं आसान तरीके – डॉ अनुज

(जीवन दिशा) पिछले साल एक खबर आई थी कि मिलावटी तरबूज खाने से एक युवती की तबीयत बिगड़ गई और बाद में उसकी मृत्यु हो गई।
हालाँकि इस तरह की घटनाएँ बहुत दुर्लभ होती हैं, और किसी भी मृत्यु का सीधा कारण केवल मिलावटी तरबूज हो — यह चिकित्सा परीक्षण से सिद्ध होना जरूरी होता है।

लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि मिलावटी तरबूज या किसी भी रासायनिक रूप से तैयार फल का सेवन स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकता है।
इससे पेट की समस्याएं, एलर्जी, और लंबे समय तक सेवन करने पर कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

कैसे पहचानें मिलावटी या नकली तरबूज:

1. कॉटन टेस्ट:

तरबूज का एक टुकड़ा काटें और उसे सूखे कपड़े या रुई पर रगड़ें।
अगर कपड़ा गहरे लाल रंग में रंग जाता है, तो यह संकेत है कि तरबूज में कृत्रिम रंग जैसे एरिथ्रोसिन (E127) या रोडामाइन बी मिलाए गए हो सकते हैं।
प्राकृतिक रंग (लाइकोपीन) वसा में घुलनशील होता है, इसलिए वह सूखे कपड़े पर आसानी से नहीं फैलता।

2. पानी टेस्ट:

तरबूज का टुकड़ा साफ पानी में डालें और कुछ मिनट तक देखें।
अगर पानी का रंग गहरा गुलाबी या लाल हो जाता है, तो यह भी कृत्रिम रंग की उपस्थिति का संकेत हो सकता है।

3. स्वाद और बनावट:
अगर तरबूज अंदर से लाल है लेकिन स्वाद फीका है, या अजीब गंध या रेशा महसूस होता है, तो यह रासायनिक पकने का संकेत हो सकता है।

4. फील्ड स्पॉट देखें:
अच्छे तरबूज में एक पीले या क्रीम रंग का धब्बा होता है — यह जमीन से संपर्क का हिस्सा होता है।
अगर धब्बा सफेद या हरा हो, तो तरबूज अधपका हो सकता है और इसे रासायनिक रूप से पकाया गया हो सकता है।

5. खराब होने की गति:
अगर तरबूज 2–3 दिनों में ही बदबू मारने लगे या सड़ जाए, तो इसमें रासायनिक पदार्थों की मौजूदगी की आशंका हो सकती है।

6. डंठल की जांच:
सूखा और गहरा रंग डंठल = प्राकृतिक परिपक्वता।
हरा और ताजा डंठल = कच्चे तरबूज को तोड़ कर बाद में पकाया गया हो सकता है।

7. सतह की स्थिति:
अगर सतह पर असामान्य दरारें, चकाचौंध वाले धब्बे या इंजेक्शन के निशान हों, तो रासायनिक इंजेक्शन दिए जाने की आशंका हो सकती है।

स्वस्थ विकल्प के लिए कुछ सुझाव:

1.विश्वसनीय विक्रेताओं से ही तरबूज खरीदें, खासकर स्थानीय किसान या जैविक उत्पाद विक्रेता।

2.तरबूज को अच्छी तरह धोकर छीलकर खाएं, ताकि सतह पर मौजूद रसायन हट सकें।

3.संदेह की स्थिति में, स्थानीय खाद्य सुरक्षा विभाग से संपर्क करें और नमूना जांच के लिए भेजें।

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