(जीवन दिशा) नई दिल्ली, : दिल्ली पुलिस की नॉर्थ-वेस्ट फॉरेनर्स सेल ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को अपनी गिरफ्त में लिया है। यह ऑपरेशन जहांगीर पुरी मेट्रो स्टेशन के आसपास तकनीकी सर्विलेंस और मैन्युअल जानकारी के आधार पर चलाया गया, जिसमें पुलिस ने जाल बिछाकर इन आरोपियों को धर दबोचा।
पुलिस के अनुसार, यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर शुरू की गई थी। फॉरेनर्स सेल की टीम ने तकनीकी निगरानी और स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाने के बाद जहांगीर पुरी मेट्रो स्टेशन के नजदीक संदिग्धों को पकड़ने के लिए एक सुनियोजित ट्रैप लगाया। इस ऑपरेशन में सभी 5 आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया।
आरोपियों ने किया खुलासा
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा को पार कर दिल्ली पहुंचे थे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वे सीमा पर मौजूद कमजोर सुरक्षा व्यवस्था का फायदा उठाकर भारत में दाखिल हुए और फिर ट्रेन के जरिए दिल्ली तक का सफर तय किया। दिल्ली में ये लोग अपनी पहचान छिपाने और पुलिस की नजरों से बचने की कोशिश कर रहे थे।
प्रतिबंधित IMO ऐप के साथ 7 मोबाइल फोन बरामद
ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 7 मोबाइल फोन बरामद किए, जिनमें प्रतिबंधित IMO ऐप इंस्टॉल था। पुलिस का कहना है कि ये लोग इस ऐप के जरिए बांग्लादेश में अपने परिवारों से संपर्क में रहते थे। IMO ऐप का इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधियों के लिए किया जाना भारत में प्रतिबंधित है, जिसके चलते यह बरामदगी मामले को और गंभीर बनाती है।
डीसीपी नॉर्थ-वेस्ट का बयान
डीसीपी नॉर्थ-वेस्ट, भिष्म सिंह ने इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए कहा, “हमारी फॉरेनर्स सेल टीम ने लगातार निगरानी और ठोस सबूतों के आधार पर यह कार्रवाई की। ये अवैध प्रवासी जहांगीर पुरी और आसपास के इलाकों में रह रहे थे। हम आगे की जांच कर रहे हैं ताकि ऐसे नेटवर्क का पता लगाया जा सके जो इन लोगों को भारत में अवैध रूप से लाने में मदद करते हैं।”
चल रही है जांच
पुलिस ने सभी पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों को फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) को सौंप दिया है, जहां से उनकी डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, पुलिस इस मामले में गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई बड़ा रैकेट इन अवैध गतिविधियों के पीछे काम कर रहा है।
यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की उस व्यापक मुहिम का हिस्सा है, जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान और उन्हें वापस उनके देश भेजने का प्रयास किया जा रहा है।