( जीवन दिशा न्यूज़) नई दिल्ली, 4 सितंबर 2025: सरकार ने देशवासियों को दीवाली का शानदार तोहफा देते हुए नेक्स्ट-जेन GST (वस्तु एवं सेवा कर) सुधारों की घोषणा की है। इस सुधार का उद्देश्य जीवन को आसान बनाना और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहायता करना है। किसानों से लेकर उद्यमियों, घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर व्यवसायों तक, यह नया GST सभी के लिए खुशहाली लाएगा।
दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर बड़ी बचत
सरकार ने दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर GST दरों में कमी की है। अब हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप (18% से 5%), मक्खन, घी, चीज़ और डेयरी उत्पाद (12% से 5%), प्री-पैक्ड नमकीन, भुजिया और मिक्सचर (12% से 5%), बच्चों के नैपकिन, फीडिंग बोतलें और नैपकिन (12% से 5%), और सिलाई मशीनें व उनके पुर्जे (12% से 5%) सस्ते हो गए हैं।
किसानों और कृषि को बढ़ावा
किसानों के लिए भी राहत की खबर है। ट्रैक्टर टायर्स और पुर्जे (18% से 5%), ट्रैक्टर (12% से 5%), माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स, बायो-पेस्टीसाइड्स (12% से 5%), ड्रिप सिंचाई प्रणाली और स्प्रिंकलर्स (12% से 5%), साथ ही कृषि, बागवानी या वानिकी मशीनरी, कटाई और थ्रेशिंग उपकरण (12% से 5%) पर GST कम किया गया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में राहत
स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा (18% से शून्य), थर्मामीटर (18% से 5%), मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन (12% से 5%), डायग्नोस्टिक किट और रिएजेंट्स (12% से 5%), ग्लूकोमीटर टेस्ट स्ट्रिप्स (12% से 5%), और सुधारक चश्मे (12% से 5%) अब सस्ते होंगे।
ऑटोमोबाइल्स बने सस्ते
पेट्रोल, डीजल, हाइब्रिड, LPG और CNG कारें (28% से 18%), 1200 सीसी से 4000 सीसी की डीजल और पेट्रोल कारें (28% से 18%), 3 व्हीलर वाहन (28% से 18%), 350 सीसी से कम की मोटरसाइकिलें (28% से 18%), और माल परिवहन के वाहन (28% से 18%) पर GST में कमी की गई है।
शिक्षा और इलेक्ट्रॉनिक्स पर बचत
पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन्स (12% से शून्य), व्यायाम पुस्तकें और नोटबुक्स (12% से शून्य), और इरेज़र (5% से शून्य) अब मुफ्त में होंगे। वहीं, एयर कंडीशनर (28% से 18%), टीवी (28% से 18%), मॉनिटर और प्रोजेक्टर (28% से 18%), और डिशवॉशिंग मशीनें (28% से 18%) सस्ते हो गए हैं।
प्रक्रिया सुधार
• रजिस्ट्रेशन: आवेदकों के लिए 3 कार्य दिवसों के भीतर स्वचालित रजिस्ट्रेशन, जिनकी मासिक आय ₹2.5 लाख से अधिक नहीं है और जो इनपुट टैक्स क्रेडिट योजना के लिए अर्ह नहीं हैं।
• रिफंड: सिस्टम आधारित जोखिम मूल्यांकन के माध्यम से प्रोविजनल रिफंड की स्वीकृति, जिसमें जीरो रेटेड सप्लाई और इनवर्टेड ड्यूटी संरचना शामिल हैं।
यह सुधार न केवल आम आदमी की जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।