((जीवन दिशा) दीपावली का त्योहार भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है, लेकिन इस दिन लक्ष्मी और गणेश की पूजा क्यों होती है? आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी।
सतयुग में समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी प्रगट हुई थीं, इसलिए लक्ष्मी जी का पूजन होता है। भगवान राम त्रेता युग में इसी दिन अयोध्या लौटे थे, इसलिए अयोध्या वासियों ने घर-घर दीपमाला जलाकर उनका स्वागत किया था।
लक्ष्मी जी ने भगवान विष्णु से विवाह किया और उन्हें सृष्टि की धन और ऐश्वर्य की देवी बनाया गया। लक्ष्मी जी ने धन बाँटने के लिए कुबेर को अपने साथ रखा, लेकिन कुबेर कंजूस थे। माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को अपनी व्यथा बताई। भगवान विष्णु ने गणेश जी की विशाल बुद्धि को प्रयोग करने की सलाह दी।
गणेश जी ने कुबेर के साथ बैठकर लोगों के सौभाग्य के विघ्न दूर किए और धनागमन के द्वार खोले। माँ लक्ष्मी ने गणेश जी को आशीर्वाद दिया कि जहाँ वे अपने पति नारायण के सँग ना हों, वहाँ उनका पुत्रवत गणेश उनके साथ रहें।
दीपावली पर लक्ष्मी और गणेश की पूजा होती है क्योंकि माँ लक्ष्मी शरद पूर्णिमा से दीवाली के बीच के पन्द्रह दिनों में पृथ्वी भ्रमण करने आती हैं और अपने सँग गणेश जी को ले आती हैं।
इसलिए, दीपावली पर लक्ष्मी और गणेश की पूजा करना महत्वपूर्ण है। यह हमें धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है।