· पीएम-पद तो दूर, संयोजक बनाने के लिए भी इंडी गठबंधन राजी नहीं
· पटना में पोस्टर लगाना कोई काम न आया , जदयू का मनोबल टूटेगा
पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने का सपना लेकर 2022 में दूसरी बार भाजपा से नाता तोड़ा था और अब पटना में अपने पक्ष में पोस्टर लगवा कर बड़ी उम्मीद से गठबंधन की दिल्ली बैठक में गए थे, लेकिन किसी ने संयोजक पद के लिए भी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं किया। प्रधानमंत्री-पद की उम्मीदवारी तो बहुत दूर की बात है।
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को न माया मिली, न राम। वे खाली हाथ जब पटना लौटेंगे, तब जदयू के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाये रखना मुश्किल होगा। पार्टी में भगदड़ मच सकती है।
उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन ने साल भर का समय बर्बाद किया। वे कुछ भी तय नहीं कर पाये। ममता बनर्जी और केजरीवाल ने संयोजक-पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सुझाया इसे स्वीकार नहीं किया गया।
श्री मोदी ने कहा कि ममता और केजरीवाल के रुख से साफ है कि गठबंधन के दो बड़े दल नीतीश कुमार को नेतृत्व सौंपने के विरुद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि गठबंधन की चौथी बैठक भी कोई बड़ा फैसला नहीं कर पायी। हेमंत सोरेन बैठक में गये ही नहीं।