(जीवन दिशा न्यूज़) : सोते समय अपनी पसंदीदा नींद की स्थिति चुनना एक आम बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट के बल सोना (प्रोन स्लीपिंग) आपके शरीर को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकता है? पेट के बल सोने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।
शोध क्या कहता है?
वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, पेट के बल सोने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। नीचे दिए गए बिंदुओं में इन प्रभावों को विस्तार से समझाया गया है:
1. गर्दन और पीठ दर्द:
पेट के बल सोने से सिर को असामान्य रूप से घुमाना पड़ता है, जिससे रीढ़ की हड्डी में गलत संरेखण और डिस्क पर दबाव पड़ता है। यह लंबे समय में पुरानी पीठ और गर्दन के दर्द का कारण बन सकता है। (पीएमआईडी: 25609470)
2. श्वास संबंधी समस्याएं:
इस स्थिति में सोने से फेफड़ों का विस्तार सीमित हो जाता है, जिससे ऑक्सीजन का सेवन कम हो सकता है। यह नींद के दौरान सांस लेने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
3. नसों का दबाव:
पेट के बल सोने वाले लोगों को अक्सर हाथ-पैरों में सुन्नता या झुनझुनी महसूस होती है, जो नसों और रक्त वाहिकाओं पर लंबे समय तक दबाव के कारण होता है।
4. झुर्रियां और त्वचा की समस्याएं:
तकिए पर बार-बार चेहरे का संपर्क त्वचा पर रेखाएं बना सकता है और कोलेजन के टूटने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है, जिससे समय से पहले झुर्रियां पड़ सकती हैं। (पीएमआईडी: 29920679)
बेहतर विकल्प: साइड या पीठ के बल सोना
विशेषज्ञों का मानना है कि रीढ़ की हड्डी के सही संरेखन के साथ साइड या बैक पर सोना स्वास्थ्य के लिए कहीं बेहतर है। यह स्थिति न केवल रीढ़ को सहारा देती है, बल्कि सांस लेने की प्रक्रिया को भी बेहतर बनाती है। इसके अलावा, यह लंबे समय तक अच्छे पोस्चर, बेहतर सांस लेने और तेज रिकवरी में मदद करती है।
क्या करें?
अगर आप भी पेट के बल सोने की आदत से ग्रस्त हैं, तो यह समय है कि आप अपनी नींद की स्थिति पर ध्यान दें। एक आरामदायक तकिया और उचित गद्दे का उपयोग करके अपनी रीढ़ को सपोर्ट करें। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि धीरे-धीरे अपनी नींद की आदतों को बदलें और साइड या पीठ के बल सोने की कोशिश करें।
निष्कर्ष
नींद सिर्फ आराम का समय नहीं है, बल्कि यह आपके समग्र स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़ा हुआ है। सोते समय अपनी स्थिति को अनदेखा न करें, क्योंकि यह आपके शरीर के लिए लंबे समय तक फायदेमंद या हानिकारक साबित हो सकता है। तो, आज से ही अपनी नींद की आदतों में बदलाव लाएं और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं!
(नोट: यह लेख संबंधित शोध के आधार पर तैयार किया गया है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी गंभीर समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह लें।)