(जीवन दिशा न्यूज़) : भारतीय कानून के तहत गड्ढों से वाहन को हुए नुकसान के लिए सरकार से मुआवजा पाने का अधिकार अब एक मान्यता प्राप्त अधिकार बन गया है। देशभर के नागरिक सड़कों पर गड्ढों के कारण वाहन को हुए नुकसान के लिए मरम्मत लागत की वसूली कर सकते हैं।
सरकार की जिम्मेदारी और नागरिकों का अधिकार
जब सड़कों पर गड्ढों के कारण वाहनों को नुकसान होता है, तो प्रभावित व्यक्ति को मुआवजा पाने के लिए कई कानूनी कदम उठाने का विकल्प होता है। सरकार सुरक्षित सड़कों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। नागरिक पहले से ही जीएसटी, सड़क कर, और ईंधन कर का भुगतान करते हैं, जिससे उन्हें अच्छी सड़कों का अधिकार और अगर बुनियादी ढांचे से नुकसान होता है तो उचित मुआवजे का हक मिलता है।
प्रक्रिया: सबूत जमा करना और शिकायत दर्ज करना
मुआवजा पाने की प्रक्रिया में मजबूत सबूत जमा करना शामिल है, जैसे गड्ढे और नुकसान की स्पष्ट फोटो, लाइसेंस प्लेट का विवरण, तारीख और समय। इसके बाद अगला कदम स्थानीय नगर निगम या लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करना है। शिकायत की रसीद या स्क्रीनशॉट को सबूत के रूप में सुरक्षित रखना जरूरी है।
अगर मुआवजा न मिले तो आगे का रास्ता
यदि प्राधिकरण शिकायत का समाधान नहीं करते या मुआवजा नहीं देते, तो प्रभावित व्यक्ति उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत मामला दर्ज कर सकता है। इस कानून के तहत नुकसान की गंभीरता के आधार पर हर्जाना हजारों से लाखों रुपये तक हो सकता है।
सफल मामले और कोर्ट के फैसले
देशभर में कई नागरिकों ने गड्ढों से हुए नुकसान के लिए मुकदमे जीते हैं। मुआवजे की राशि 10,000 रुपये से लेकर 2,00,000 रुपये तक रही है। कोर्ट ने सड़क रखरखाव में लापरवाही के लिए सरकार को संवैधानिक प्रावधानों, मोटर वाहन कानूनों, और टॉर्ट कानून के तहत जिम्मेदार ठहराया है।
यह खबर सड़क सुरक्षा और सरकार की जिम्मेदारी को लेकर जागरूकता बढ़ाने में मददगार हो सकती है। प्रभावित नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें और जरूरत पड़ने पर कानूनी कदम उठाएं।