(जीवन दिशा) नई दिल्ली, : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न की गंभीर घटनाओं को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने अत्यंत चिंताजनक माना है। आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति का गठन किया है। यह कदम धुलियन के मंदिरपारा और शमशेरगंज क्षेत्रों में हुई हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ और उत्पीड़न की खबरों के बाद उठाया गया है।
हिंसा के कारण सैकड़ों महिलाओं को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा। कई महिलाएं भय और असुरक्षा के माहौल में भागीरथी नदी को पार कर पड़ोसी जिले मालदा में शरण लेने को मजबूर हुईं। ये महिलाएं अपने घरों से बेघर हो चुकी हैं और अनिश्चितता, भय और मानसिक आघात का सामना कर रही हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वयं मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने का फैसला किया है। वह तीन दिनों तक प्रभावित क्षेत्रों में रहेंगी, जहां वे पीड़ित महिलाओं, उनके परिवारों से मुलाकात करेंगी और स्थानीय स्थिति का जायजा लेंगी। इसके अलावा, वे मुर्शिदाबाद और मालदा के जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी चर्चा करेंगी ताकि हिंसा के कारणों और राहत प्रयासों की जानकारी प्राप्त की जा सके।
हिंसा के दौरान मंदिरपारा, धुलियन और शमशेरगंज में दुकानों, घरों और होटलों को जलाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। मीडिया में प्रकाशित तस्वीरों में जले हुए मकान, दुकानें और क्षतिग्रस्त संपत्तियां दिखाई दी हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। आयोग ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई और पीड़ितों को सहायता प्रदान करने की मांग की है।