(जीवन दिशा न्यूज़) हमारे शरीर को वास्तविक भोजन, व्यायाम और संतुलन की जरूरत है, न कि फैशनेबल diet ट्रेंड्स की। हाल ही में सामने आए शोध बताते हैं कि पारंपरिक स्वास्थ्य सलाह, जो नमक, वसा और नाश्ते को लेकर दी जाती रही है, वह पुरानी, गलत समझी गई या हेरफेर की गई हो सकती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
नमक: हानिकारक नहीं, बल्कि जरूरी
शोध (PMID: 20385633) के अनुसार, नमक हमारे शरीर के लिए आवश्यक है। यह हाइड्रेशन, नर्व फंक्शन और प्रदर्शन को बेहतर बनाता है। कम सोडियम वाली डाइट्स वास्तव में इंसुलिन रेजिस्टेंस और तनाव हार्मोन के स्तर को बढ़ा सकती हैं। तो, नमक को नकारना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
वसा: दुश्मन नहीं, बल्कि सहायक
वसा को लेकर गलत धारणा है कि यह मोटापे का कारण है। लेकिन शोध (PMID: 27581444) कहता है कि आपका दिमाग वसा पर चलता है और हार्मोन भी वसा से बनते हैं। असली समस्या अल्ट्रा-प्रोसेस्ड कार्ब्स हैं, न कि वसा।
नाश्ता: हर दिन जरूरी नहीं
लंबे समय से यह सलाह दी जाती रही है कि नाश्ता मेटाबॉलिज्म को “किकस्टार्ट” करता है, लेकिन इसके लिए कोई ठोस सबूत नहीं है (PMID: 32718296)। अंतराल पर उपवास (इंटरमिटेंट फास्टिंग) इंसुलिन संवेदनशीलता, दिमागी कार्यक्षमता और शरीर की संरचना को बेहतर करने में फायदेमंद साबित हुआ है।
निष्कर्ष: पुरानी सलाह को अलविदा कहें
स्वास्थ्य सलाह की बाढ़ में, ज्यादातर जानकारी पुरानी या गलत हो सकती है। अब समय है कि हम इन “झूठों” को भुलाकर अपनी जीवविज्ञान को समझें और संतुलित जीवन अपनाएं।
(स्रोत: शोध पत्र, PMID: 20385633, 27581444, 32718296)