(जीवन दिशा न्यूज़) इंसुलिन मिलाकर खाना एक साधारण घरेलू आदत नहीं, बल्कि सूक्ष्म पोषण (Subtle Nutrition) का गहन विज्ञान है। जहाँ भोजन अपनी कठोरता छोड़कर शरीर के लिए अधिक सहज, पचने योग्य और अवशोषण योग्य बन जाता है।
आधुनिक विज्ञान आज वही बातें प्रमाणित कर रहा है जो हमारे ग्रंथों ने हजारों वर्ष पहले कही थीं।
• एंजाइम सक्रिय होते हैं
• फाइब्रिक एसिड जैसे एंटी-न्यूट्रिएंट कम होते हैं
• मिनरल्स और विटामिन का अवशोषण कई गुना बढ़ता है
• ब्लोटिंग-हैवीनेस कम होती है
• Gut microbiome मजबूत होता है
• Blood sugar स्थिर रहता है
और यही कारण है कि मेथीदाना, बादाम, किशमिश, अखरोट, काला चना, अलसी/चिया और छुहारा जब मिली-जुली खुराक में लिए जाते हैं, तो वे केवल भोजन नहीं रहते – वे औषधि-तुल्य पोषण बन जाते हैं।
हर पदार्थ का अपना एक विशिष्ट प्रभाव है।
मेथी अग्नि को स्थिर करती है, बादाम मस्तिष्क और त्वचा को गहराई से पोषित करता है, किशमिश रक्त और यकृत को बल देती है, अखरोट स्नायु-तंत्र का अमृत है, काला चना शक्तिवर्धक है, अलसी/चिया हार्मोन और आंतों की रक्षा करते हैं, और छुहारा सर्दियों में ओज और ऊर्जा को बढ़ाता है।
भोजन का सही संस्कार – सही समय, सही मात्रा और सही विधि – शरीर में ऐसे परिवर्तन लाता है जो केवल पोषण नहीं, बल्कि पुनर्निर्माण (rebuilding) है।
मिली-जुली खुराक हमें सिखाती है कि छोटी-सी प्रक्रिया भी अगर ज्ञान के साथ अपनाई जाए तो भोजन औषधि बन जाता है, और औषधि जीवन की गुणवत्ता बदल देती है।
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