(जीवन दिशा न्यूज़) “स्थायी पुस्तकालय सेवाओं के लिए डिजिटल और नवीन प्रगति” (ICDIASLS-2025) विषय पर भारती विद्यापीठ के कंप्यूटर अनुप्रयोग एवं प्रबंधन संस्थान (BVICAM), नई दिल्ली में तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन (29-31 अगस्त) का शुभारंभ लोकसभा सचिवालय के संयुक्त निदेशक श्री सौरभ शुक्ला और रीड इंडिया की निदेशक सुश्री गीता मल्होत्रा सहित विशिष्ट अतिथियों के संबोधनों के साथ हुआ।
पहले दिन नवीन तकनीकों, संस्थागत संग्रहों, साहित्यिक चोरी की नैतिकता, समुदाय-केंद्रित पुस्तकालय दृष्टिकोण और ज्ञान प्रबंधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर सत्र आयोजित किए गए। टोलेसा डेस्टा (इथियोपिया) और डॉ. लीली सेफ़ी (ईरान) ने अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण साझा किए। उद्घाटन दिवस ने डिजिटल नवाचार, स्थिरता और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने में पुस्तकालयों की भूमिका पर चर्चा की।
दूसरे दिन ज्ञान प्रबंधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अनुसंधान नैतिकता, शैक्षणिक अखंडता, साहित्यिक चोरी का पता लगाने और कॉपीराइट मुद्दों जैसे विषयों पर आकर्षक तकनीकी सत्र और पैनल चर्चाएँ हुईं।
प्रमुख वक्ताओं में डॉ. आर. के. भारद्वाज, डॉ. सूफियान (जामिया मिलिया इस्लामिया) और डॉ. श्याम बिहारी गुप्ता (पेटेंट कार्यालय, नई दिल्ली) शामिल थे। चर्चाओं में पुस्तकालयों में उत्तरदायी कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बौद्धिक संपदा अधिकारों और स्थायी डिजिटल प्रथाओं की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया।
भारत और विदेश के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और भविष्य के पुस्तकालय विकास के लिए महत्वपूर्ण मार्गों के रूप में सहयोगात्मक अनुसंधान, नवीन सेवाओं और ज्ञान तक समान पहुँच पर प्रकाश डाला जिसमे ऑनलाइन सत्र के अध्यक्ष डॉ. अनिल झरोटिया (नॉर्थकैप विश्वविद्यालय) थे, और अन्य सदस्यों में श्री मानवेंद्र (ऋषिहुड विश्वविद्यालय), डॉ. रीतू वर्मा (महाराजा सूरजमल संस्थान), डॉ. अशोक (इग्नू), डॉ. डी डी लाल आदि शामिल थे।
तीसरे दिन लाइब्रेरी प्रोफेशनलो को दिल्ली दर्शनीय स्थल दिखाए और समापन सत्र में, इस सम्मेलन की संयोजक डॉ. उपासना यादव ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस सम्मेलन में डिजिटल नवाचार, नैतिक प्रथाओं और समावेशी ज्ञान साझाकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख सिफारिशें प्रस्तुत कीं। हाइब्रिड मोड में भारत और विदेश से 100 से अधिक प्रतिभागियों के ने भाग लिया है बीवीआईसीएएम के निदेशक प्रो. एम एन होडा को इस सम्मेलन के आयोजन में अपना पूर्ण सहयोग दिया और हर सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों का धन्यावाद दिया।