(जीवन दिशा) नई दिल्ली, : भारतीय पैरालंपिक एथलीट नवदीप ने अपने जीवन के उतार-चढ़ाव भरे सफर को साझा किया है, जो हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। टोक्यो 2020 पैरालंपिक्स, एशियन पैरा गेम्स 2022, और वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में लगातार चौथे स्थान पर रहने के बाद, नवदीप ने आखिरकार पेरिस 2024 पैरालंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
नवदीप ने अपनी पोस्ट में लिखा, “चौथा स्थान… फिर से? यह सवाल मुझे सताने लगा था। हर बार बस एक कदम दूर podium से। लोग कहने लगे, ‘वह अंतरराष्ट्रीय दबाव नहीं झेल सकता। शायद यह उसकी सीमा है।’ लेकिन मैंने हार नहीं मानी।” उन्होंने अपनी मेहनत और लगन का श्रेय अपने भाई सुमित अंतिल के साथ बिताए समय को दिया, जिनके साथ उन्होंने 11 मीटर की थ्रो से शुरुआत की थी। नवदीप ने बताया कि शुरुआती दिनों में उनके पास कोई सुविधा नहीं थी। “हमने अपने भोजन खुद बनाए, जो कुछ था उसी में ट्रेनिंग की। 2024 तक का सफर आसान नहीं था—शारीरिक, आर्थिक और भावनात्मक रूप से कई चुनौतियां आईं।”
नवदीप ने अपनी पोस्ट में यह भी खुलासा किया कि कई बार उन्हें यह सुनना पड़ा कि वह “काफी लंबे नहीं हैं,” “काफी मजबूत नहीं हैं,” या “काफी अच्छे नहीं हैं।” लेकिन उन्होंने इन बातों को अपनी प्रेरणा बनाया। “मुझे कहा गया कि तुम छोटे हो, मेरा जज्बा बड़ा है। हार मेरा अंत नहीं थी, यह मेरी शुरुआत थी। मैंने हर हार, हर ताने, हर रात के दर्द को उस थ्रो में डाल दिया। और परिणाम? स्वर्ण। पैरालंपिक चैंपियन।”
टोक्यो पैरालंपिक्स के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का जिक्र करते हुए नवदीप ने बताया कि उस मुलाकात ने उन्हें एक नई प्रेरणा दी थी। उन्होंने खुद से वादा किया था कि वह हार नहीं मानेंगे, और पांचवीं बार कोशिश करेंगे। उनकी यह मेहनत रंग लाई और पेरिस 2024 में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।
नवदीप की इस पोस्ट पर उनके प्रशंसकों ने जमकर प्यार बरसाया। एक प्रशंसक ने लिखा, “आपकी कहानी यह साबित करती है कि हार अंत नहीं है, यह बस शुरुआत है। आप प्रेरणा हैं।” नवदीप ने अपने अनुयायियों से कहा, “रखते रहो कोशिश। हार से डरो मत। मुझे बताओ, तुम्हारा सबसे कठिन ‘लगभग’ क्या था, और तुमने उसे कैसे बदला?”
नवदीप जावेलिन की यह कहानी न केवल एक एथलीट की जीत की कहानी है, बल्कि यह हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा है।