(जीवन दिशा) हाल ही में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें एक दवा की कीमत पर सवाल उठाए गए हैं। Human Immunoglobulin नामक यह दवा कई बीमारियों में उपयोग की जाती है, जिनमें GB Syndrome भी शामिल है। लेकिन इसकी कीमत इतनी अधिक है कि यह आम लोगों की पहुंच से बाहर हो गई है।
एक 5 gm के डोज़ की MRP लगभग 18,000 रुपये अंकित है, जिसका अर्थ है कि अगर मरीज का वजन 50 kg है, तो उसे 100 gm दिया जाएगा, जिसकी कीमत 3,60,000 रुपये होगी। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक डोज़ में 11,000 रुपये का मार्जिन है, जो कि लूट के समान है।
इस मार्जिन में एक बड़ा हिस्सा डॉक्टर के कमीशन का भी है, जो कि मरीजों को यह दवा देने के लिए प्रेरित करता है। दवा के रिसर्च में खर्च आता है, इसलिए कीमत अधिक हो, यह समझ में आता है। लेकिन एक डोज़ में 11-12,000 रुपये का मार्जिन और कमीशन? यह तो लूट है ना साहब?
सरकार ने इतनी अधिक MRP रखने की छूट क्यों दी है? ग़रीब व्यक्ति अपना इलाज कैसे कराएगा? यह सवाल उठना लाजमी है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और दवा की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।