*महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज ने श्री हनुमान मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में भगावत कथा व संत सम्मेलन का आयोजन किया*
*संत सम्मेलन में मुख्य अतिथि श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज रहे*
(जीवन दिशा)*संजय कुमार गिरि* नई दिल्लीः*दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 नवल किशोर दास महाराज द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री हनुमान जन्मोत्सव पर श्रीमदभागवत कथा, संत सम्मेलन व भंडारे का आयोजन किया गया। रविवार को हुए संत सम्म्मेल के मुख्य अतिथि सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर, गाजियाबाद के पीठाधीश्वर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज रहे। श्रीमदभागवत कथा व संत सम्मेलन का आयोजन श्री हनुमान मंदिर गली नंबर 12 चौथा पुस्ता करतार नगर दिल्ली में हुआ। श्रीमदभागवत कथा का शुभारंभ रामनवमी 6 अप्रैल को हुआ था। रामनवमी पर कथा से पूर्व कलश यात्रा निकाली गई। 10 अप्रैल को श्री कृष्ण जन्मोत्सव, 11 अप्रैल को गोवर्धन पूजा व 12 अप्रैल को रूकमणि विवाह प्रसंग का सुंदर वर्णन कर कथा व्यास आचार्य अच्युतानंद व पंडित कमलभान मिश्रा ने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। रविवार को संत सम्मेलन का आयोजन हुआ। संत सम्मेलन के मुख्य अतिथि सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर, गाजियाबाद के पीठाधीश्वर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि धर्म पर जब भी संकट आया, उसकी रक्षा के लिए संत ही आगे आए। आज जैसी परिस्थिति हैं, उसमें एक बार फिर संतों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो गई है। समाज का सही मार्गदर्शन कर उसे लोक कल्याण के मार्ग पर ले जाने के लिए संतों को आगे आना होगा। संत जिस स्थान पर भी कदम रख देते हैं, वहीं स्थान पवित्र हो जाता है। अतः संतों को भ्रमण कर भारतीय दर्शन, संस्कृति व धर्म का परचम देश ही नहंी विश्व भर में फहराना होगा। सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि बहुत पुण्य से ही संतों के दर्शन व सानिध्य का अवसर प्राप्त होता है। सदगुरू रूपी संत के बिना जीवन निरर्थक ही रहता है। संतों का दर्शल जीवन का कायाकल्प कर देता है और हमें सही मार्ग दिखाता है। दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन ही समाज, देश, विश्व ही नहीं पूरी मानवता के कल्याण के लिए होता है। संतों का संग होने पर ही लोगों के सम्पूर्ण अवगुण व विकार समापत होते हैं, जिससे उनका मानव जीवन सार्थक होता है। जूना अखाडे के सचिव श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज ने कहा कि समाज को सही मार्ग दिखाने व उसे भटकने से बचाने का कार्य संत ही कर सकते हैं। दिल्ली संत महामंडल के कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज, कोतवाल मंगलदास, प्राचीन देवी मंदिर गाजियाबाद के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज, शिवसेना के जयभगवान गोयल आदि भी मौजूद रहे। महंत राम लखन दास महाराज, महंत धर्मदास महाराज, महंत सुखराम दास महाराज, पंडित केशव नाथ झा व काशी नाथ दीक्षित ने सभी संतों का स्वागत किया। भंडारे का आयोजन भी हुआ जिसमें हजारों संतों व भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।