विनियमन की रूपरेखा बनाने के लिए हमारा दृष्टिकोण खुला, पारदर्शी और परामर्शात्मक रहा है, जबकि पिछली सरकारें कुछ सबसे बड़े घोटालों में लिप्त थीं।”: राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर नेसोमवार को मुंबई टेक वीक में अनंत गोयनका के साथ चर्चा में वर्चुअल रूप से भाग लिया। विनियामक परिदृश्य का उल्लेख करते हुए, श्री राजीव चन्द्रशेखर ने नरेन्द्र मोदी सरकार के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए इसकी तुलना पिछली सरकारों से की, जिन्होंने दूरसंचार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को अपर्याप्त रूप से विनियमित किया था।

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12 वर्षों से अधिक के अपने व्यापक उद्यमशीलता अनुभव का उल्लेक करते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में कुछ सबसे बड़े घोटाले हुए थे। इसलिए, पिछली सरकारों के इन कटु अनुभवों को देखते हुए जब सरकार विनियमन के बारे में बात करती है तो इसमें संदेह की एक ऐसी भावना रहती है कि विनियमन या तो एक विशेष एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है या सरकार अथवा राजनेता को नियंत्रित करने की आवश्यकता को आगे बढ़ा रहा है लेकिन विनियमन की रूपरेखा तैयार करने में हमारी सरकार का दृष्टिकोण खुला, पारदर्शी और परामर्शात्मक रहा है और यह सरकार के विनियमन के कहीं अधिक सभी हितधारकों के एक साथ आने और और उन्हें सशक्त बनाने के संदर्भ में है जो हमारी अर्थव्यवस्था के किसी भी खंड के व्यवस्थित विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह सिर्फ नवाचार के बारे में या फिर सिर्फ उद्यमियों के द्वारा अपना कार्य करने के बारे में ही होता और हमारे पास इस संदर्भ में कुछ नियम, कानून और व्यवस्था नहीं होती, तो सब कुछ अव्यवस्थित होता।

विशेष रूप से सेमीकंडक्टर के मामले में चीन की तुलना में भारत की उभरती वैश्विक स्थिति की चर्चा करते हुए, श्री राजीव चन्द्रशेखर ने गति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि कि चीन के संदर्भ में आज यह स्थित है किउभरते और उच्च तकनीक के क्षेत्रों में पिछले दशक में जो गति उसके लिए थी, वह धीमी हो रही है क्योंकि सभी महत्वपूर्ण निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं के उनके खिलाफ होने के कारण यह गति कम होती जा रही है। चीन को अब निश्चित रूप से तकनीक के भविष्य में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में नहीं देखा जाता है। श्री राजीव चन्द्रशेखर ने विश्वास जताते हुए कहा कि भारत पिछले 75 वर्षों के खोये हुए अवसरों को बदल रहा है। आज हमारे पास दो पूर्ण विकसित फैब हैं, दशकों के बाद, देश में 10 अरब डॉलर का फैब निवेश आ रहा है। हम सेमीकंडक्टर्स के भविष्य के लिए प्रौद्योगिकी के सर्वोत्तम साझेदारों के साथ भी साझेदारी कर रहे हैं। इसलिए, सेमीकंडक्टर पर डिजाइन इनोवेशन इकोसिस्टम के साथ, भारत अगली पीढ़ी के चिप्स और डिवाइस को डिजाइन करने जा रहा है, हम भारत सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर का भी शुभारंभ कर रहे हैं जो एक अत्याधुनिक अनुसंधान केंद्र बनने जा रहा है जहां दुनिया के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर निर्माता भारत में अनुसंधान का कार्य करेंगे।

अपने समापन संबोधन में, मंत्री महोदय ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वह सरकारी सेवाओं और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एआई का अधिकतम दोहन किया जाए।

श्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि हम अपने आर्थिक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एआई का पूरी तरह से दोहन करने की मंशा रखते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि एआई स्वास्थ्य देखभाल और दवा खोज के साथ-साथ कृषि और किसान उत्पादकता पर व्यापक रूप से प्रभाव डालता है। उपयोग के मामले चैटजीपीटी के साथ प्रतिस्पर्धा करना नहीं है और हम इस दिशा में नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम और आगे बढ़ते हुए शिक्षा का समर्थन करेंगे और इस दिशा में भारत की कई भाषाओं और कई डेटासेट पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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