गोवर्धन पूजा का महत्व और पौराणिक कथा

(जीवन दिशा) गोवर्धन पूजा का त्यौहार दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है, जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में अधिक मनाया जाता है। इस त्योहार का महत्व भगवान कृष्ण की एक पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है।

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपने गृह नगर गोकुल में इंद्र की पूजा के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की सलाह दी। इंद्र क्रोधित होकर गोकुल पर भारी वर्षा और तूफान लाया, लेकिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुल के लोगों की रक्षा की।

इस प्रकार, भगवान कृष्ण ने इंद्र की शक्ति को चुनौती दी और गोवर्धन पर्वत की पूजा की शुरुआत की। तब से, गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाया जाता है, जो भगवान कृष्ण की शक्ति और गोवर्धन पर्वत की महत्ता को दर्शाता है।

गोवर्धन पूजा का महत्व:

– भगवान कृष्ण की शक्ति और गोवर्धन पर्वत की महत्ता को दर्शाता है।
– गोवर्धन पर्वत की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
– इस त्यौहार को मनाने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

गोवर्धन पूजा की विधि:

– गोवर्धन पर्वत की मिट्टी से बने गोवर्धन की पूजा की जाती है।
– गोवर्धन पर्वत की पूजा में गाय, बैल और किसानों की पूजा भी की जाती है।
– इस त्यौहार को मनाने के लिए विशेष पूजा और यज्ञ किया जाता है।

इस प्रकार, गोवर्धन पूजा का त्यौहार भगवान कृष्ण की शक्ति और गोवर्धन पर्वत की महत्ता को दर्शाता है, और इसे मनाने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।

Check Also

दिल्ली में सनसनीखेज डकैती: प्रिय ज्वेलर्स के कर्मचारियों पर हमला, 43 लाख के गहने लूटे

(जीवन दिशा) नई दिल्ली, : राजधानी दिल्ली के कोहाट मेट्रो स्टेशन, पीतमपुरा के पास एक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds

This will close in 20 seconds