पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने आज भोपाल में ग्राम पंचायत स्थानिक विकास योजना पर क्रॉस लर्निंग इंटरएक्टिव राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया

(जीवन दिशा न्यूज़) पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने आज भोपाल में ग्राम पंचायत स्थानिक विकास योजना (जीपीएसडीपी) पर क्रॉस लर्निंग इंटरएक्टिव राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अतरिक्‍त  मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव, पंचायती राज मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, भोपाल के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) कैलासा राव एम. भी उपस्थित थे।

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पंचायती राज सचिव ने चयनित ग्राम पंचायतों को मॉडल ग्राम पंचायतों के रूप में विकसित करने में ग्राम पंचायतों, सहभागी संस्थानों और प्रमुख हितधारकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। आदर्श ग्राम पंचायतें दूसरों के लिए अनुसरण करने के उदाहरण हैं। उन्होंने भारत के विकास में योगदान देने के लिए एक स्थानिक दृष्टिकोण के साथ पंचायतों के पुनर्निर्माण के प्रयासों में तेजी लाने के महत्व पर बल दिया। श्री भारद्वाज ने इसे लागू करने के लिए दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ एक सुविचारित और सुनियोजित स्थानिक विकास योजना की आवश्यकता को रेखांकित किया।

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श्री विवेक भारद्वाज ने उपलब्ध संसाधनों का लाभ उठाने तथा ग्राम पंचायत स्थानिक विकास योजना के विजन और पहल को प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए आवश्यक सहायता जुटाने के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री भारद्वाज ने कहा कि व्यवस्थित और सहक्रियात्मक कार्यों को बढ़ावा देकर संसाधन जुटाने में किसी भी अंतराल को दूर किया जा सकता है, जिससे ग्राम पंचायतों में स्थानिक नियोजन पहलों को सफलतापूर्वक लागू करने में सहायता मिल सकती है।

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श्री भारद्वाज ने स्थानिक योजना को प्रभावी ढंग से निष्पादित करने और जमीनी स्तर पर सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न हितधारकों में समन्वित कार्यों और सहयोगी प्रयासों के स्थानिक दृष्टिकोण और महत्व पर बल दिया। ग्राम पंचायत स्थानिक विकास योजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री विवेक भारद्वाज ने प्रतिभागियों से एक निर्धारित समय सीमा में इसे लागू करने के लिए ईमानदारी से प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया ताकि सतत ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिल सके। उन्‍होंने ग्राम पंचायतों, भागीदार एजेंसियों और हितधारकों से जमीनी स्तर पर स्थानिक योजना को लागू करने और इसकी नियमित निगरानी सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कार्रवाई करने के लिए अमृत काल के अवसर का लाभ उठाने का आह्वान किया।

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श्री विवेक भारद्वाज ने आशा व्यक्त की कि दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला पूरे देश में ग्राम पंचायतों के सशक्तिकरण और विकास को सुनिश्चित करने के लिए इस महत्वपूर्ण पहल को आगे बढ़ाने में स्पष्ट रूपरेखा और दिशा प्रदान करेगी।

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मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव ने संसाधनों के अभिसरण और ग्राम पंचायतों में स्थानिक विकास योजना को लागू करने के प्रयासों में तालमेल का आह्वान किया।

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पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर ने ग्राम पंचायत स्‍थानिक विकास योजना पर राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्थानिक योजना और आगे की राह पर विस्‍तृत प्रस्‍तुती दी और कार्यशाला के उद्देश्यों और पहलों के बारे में मूल्यवान जानकारी दी। उन्‍होंने पंचायती राज मंत्रालय द्वारा स्थानिक नियोजन हस्तक्षेपों और की गई पहलों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

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स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, भोपाल के निदेशक डॉ. कैलासा राव एम. ने सभी प्रतिभागियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया और स्थानिक योजना प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति और रोडमैप को साझा किया।

पंचायती राज मंत्रालय द्वारा स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, भोपाल के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्‍न राज्‍यों के पंचायती राज, योजना विभागों, वास्तुकला संस्थानों, उद्योग विशेषज्ञों, स्मार्ट सिटी मिशन लीडर्स, वित्तीय संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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मध्य प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल राज्यों में बनाई गई स्थानिक विकास योजनाओं के बारे में प्रस्तुतियां दी गईं। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभागों के अधिकारियों ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के लिए सर्वोत्तम विकल्पों की जानकारी दी। स्मार्ट शहरों में जीआईएस आधारित प्रौद्योगिकी के उपयोग और ग्रामीण क्षेत्र विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन (आरएडीपीएफआई) दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन पर भी चर्चा हुई। कार्यशाला का उद्देश्य ग्राम पंचायतों और राज्य स्तरीय संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे और सीख के साथ समापन करना है, जो भारत के गांवों के लिए दीर्घकालिक योजना समाधानों को बढ़ावा देता है।

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