(जीवन दिशा न्यूज़) ग्राम पंचायत स्थानिक विकास योजना पर दो दिवसीय आपसीसीख और बातचीत की राष्ट्रीय कार्यशाला आज भोपाल मेंसफलतापूर्वक संपन्न हो गई। यह कार्यशाला जमीनी स्तर परस्थानिक योजना पहल को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्णउपलब्धि है। योजना और वास्तुकला स्कूल, भोपाल के सहयोगसे पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला मेंदेश भर के विभिन्न राज्यों से ग्राम पंचायतों, योजना संस्थानोंऔर सरकारी अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।कार्यशाला को पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेकभारद्वाज;, मध्य प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकासविभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री मलय श्रीवास्तव; पंचायतीराज मंत्रालय के अपर सचिव, डॉ. चंद्र शेखर कुमार; संयुक्तसचिव, पंचायती राज मंत्रालय, श्री आलोक प्रेम नागर औरयोजना और वास्तुकला स्कूल, भोपाल के निदेशक प्रोफेसरकैलासा राव एम सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने संबोधित औरसंचालित किया।
भोपाल में आज ग्राम पंचायत स्थानिक विकास योजना(जीपीएसडीपी) कार्यशाला को संबोधित करते हुए, पंचायतीराज मंत्रालय के अपर सचिव, डॉ. चंद्र शेखर कुमार ने ग्रामीणपरिवर्तन के लिए एक स्थानिक दृष्टिकोण, सहयोग, प्रतिबद्धताके साथ-साथ योजनाओं और संसाधनों के अनुकूलन कीवकालत करते हुए लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार कीप्रतिबद्धता को रेखांकित किया। डॉ. कुमार ने ग्रामीण आवासपुनर्विकास के अनिवार्य पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए एकव्यापक सिंहावलोकन दिया। उनके विचार में मास्टर प्लानिंग, प्रभावी फंडिंग रणनीतियों और जुटाव प्रयासों की आवश्यकताशामिल थी। उन्होंने सतत ग्रामीण विकास के लिए सामूहिककार्रवाई के महत्व पर बल देते हुए ग्राम पंचायतों से अपनेप्रयासों में सहयोगात्मक और परिणामोन्मुख दृष्टिकोण अपनानेका भी आग्रह किया।
पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव, श्री आलोक प्रेम नागरने जमीनी स्तर पर स्थानिक और सतत विकास की साझा दृष्टिको साकार करने की दिशा में एक प्रेरक अपील के साथ ग्रामपंचायत स्थानिक विकास योजना पर राष्ट्रीय कार्यशाला केदूसरे दिन की शुरुआत की। उन्होंने ग्राम पंचायतों और अन्यहितधारकों से सामूहिक और ठोस प्रयासों के माध्यम से ठोसपरिणाम प्राप्त करने के लिए सावधानीपूर्वक रणनीति बनानेऔर पूरे दिल से प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।
राष्ट्रीय कार्यशाला का दूसरा दिन एक और समृद्ध और उत्पादकदिन सिद्ध हुआ। इसमें प्रतिभागियों ने ग्राम पंचायतों में स्थानिकविकास को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से चर्चा और सहयोगात्मकपहल पर गहराई से चर्चा की। कार्यशाला में ग्राम पंचायतस्थानिक विकास योजनाओं के कार्यान्वयन की दिशा मेंकार्रवाई और मजबूती से आगे बढ़ने पर बल दिया गया।पंचायती राज मंत्रालय के सचिव के मुख्य भाषण ने योजनाकार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण कदमों की शुरुआत करते हुए, जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक स्पष्टदृष्टिकोण, रूपरेखा और रणनीति प्रदान की।
दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में तालमेल और सहयोगात्मकअवसरों का पता लगाने के लिए विभिन्न राज्यों के टाउन एंडकंट्री प्लानिंग विभागों के साथ आकर्षक चर्चा हुई। इसमेंस्थानिक योजना के अभिन्न घटकों के रूप में भूमि औरपरिसंपत्ति मुद्रीकरण के माध्यम से ग्राम पंचायतों के लिए स्वयंके स्रोत राजस्व (ओएसआर) को बढ़ाने की रणनीतियों परविचार-विमर्श किया गया। ग्राम पंचायतों में स्थानिक योजना केप्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक निश्चितसमयसीमा और नवीन रणनीति की आवश्यकता के साथ एकस्पष्ट रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई।
कार्यशाला सभी सुझावों पर विचार करते हुए एक स्पष्टरूपरेखा और कार्रवाई योग्य रणनीतियों के साथ संपन्न हुई।राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, पंचायती राज मंत्रालय केदृष्टिकोण को आगे बढ़ाने और स्थानिक योजना कोवास्तविकता में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ग्राम पंचायतस्थानिक विकास योजना पर राष्ट्रीय कार्यशाला अपने उद्देश्योंको पूरा करने, ग्राम पंचायतों और राज्य-स्तरीय संस्थानों केलिए महत्वपूर्ण निष्कर्ष और सीखने के अवसर प्रदान करने मेंअत्यधिक सफल सिद्ध हुई। प्रतिभागियों ने भारत के गांवों/ग्रामीण परिदृश्यों की दीर्घकालिक विकास आवश्यकताओं मेंयोगदान करते हुए मास्टर प्लानिंग और स्थानिक योजना केचुनिंदा क्षेत्रों में आवश्यक कार्रवाई करने का संकल्प लिया।