(जीवन दिशा) दिल्ली के नज़फ़गढ़ में रहने वाली कृष्णा यादव ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। आज वह एक सफल महिला उद्यमी हैं और उनकी कंपनी ‘श्री कृष्णा पिकल्स’ दिल्ली के आसपास के सभी राज्यों में अपने प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती है।
कृष्णा की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे एक महिला ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और आज वह एक सफल उद्यमी हैं।
कृष्णा ने अपने जीवन की शुरुआत में बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया। उनके पति का कारोबार ठप्प हो गया था और उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। लेकिन कृष्णा ने हार नहीं मानी और उन्होंने अपने जीवन को बदलने के लिए एक नया रास्ता चुना।
कृष्णा ने दूरदर्शन पर ‘कृषि दर्शन’ प्रोग्राम देखा और उन्हें अचार बनाने की ट्रेनिंग के बारे में पता चला। उन्होंने तय किया कि वह ट्रेनिंग करके अचार बनाएंगी और बेचेंगी। उन्होंने उजवा से तीन महीने की ट्रेनिंग की और 3,000 रुपये निवेश कर करौंदे और मिर्च का अचार बनाया।
आज कृष्णा की कंपनी ‘श्री कृष्णा पिकल्स’ दिल्ली के आसपास के सभी राज्यों में अपने प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती है। उनके प्रोडक्ट्स का स्वाद लोगों को इतना पसंद आया है कि सामान खरीदने के लिए लोगों की लाइन लगने लगी है।
कृष्णा को उनके काम के लिए कई अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं। उन्हें साल 2015 में नारी शक्ति पुरस्कार से भी नवाज़ा गया। लेकिन उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान यह है कि अपने बच्चों को पढ़ाने-लिखाने का उनका जो सपना था, वह पूरा हुआ।
आज कृष्णा का सबसे बड़ा बेटा पढ़-लिखकर उनका कारोबार सम्भाल रहा है, तो दूसरा बेटा सरकारी नौकरी कर रहा है। साथ ही, बेटी ने भी बी.एड कर लिया है।
कृष्णा की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे एक महिला ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और आज वह एक सफल उद्यमी हैं।