औषधीय गुणों से भरपूर सहजन खाने के फायदे – जितेंद्र शर्मा

(जीवन दिशा न्यूज़) सहजन (Moringa) का सेवन कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह एक प्राकृतिक सूपरफूड है और इसमें विटामिन, खनिज, और पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है।

कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं :-

1. पोषण समृद्धता : सहजन में विटामिन A, C, और E, बी-कॉम्प्लेक्स, फोलेट, और विटामिन K जैसे उपयोगी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

2. उच्च एंटीऑक्सिडेंट : सहजन में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो विषाणुओं और मुक्त रेडिकल्स के खिलाफ लड़ते हैं, जिससे संयंत्रों की अधिक सुरक्षा होती है और रोगों का संरक्षण होता है।

3. शारीरिक संरचना का विकास : इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शारीरिक संरचना के विकास में मदद करते हैं, जैसे कि प्रोटीन, कैल्शियम, और मैग्नीशियम।

4. शरीर का वजन नियंत्रण : सहजन का नियमित सेवन वजन नियंत्रण में मदद कर सकता है और अनियमित भोजन की भूख को कम कर सकता है।

5. ब्लड सुगर को नियंत्रित करना : अनेक अध्ययनों में सहजन का सेवन ब्लड सुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, खासकर मधुमेह के मरीजों के लिए।

6. हृदय स्वास्थ्य का समर्थन : इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण, सहजन हृदय स्वास्थ्य को समर्थन कर सकता है और हृदय संबंधी रोगों की संभावनाओं को कम कर सकता है।

7. इसके फूल उदर रोगों व कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, शियाटिका,गठिया आदि में उपयोगी है|

8. मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं तथा मोच के स्थान पर लगाने से शीघ्र ही लाभ मिलने लगता है |

9. सहजन को अस्सी प्रकार के दर्द व बहत्तर प्रकार के वायु विकारों का शमन करने वाला बताया गया है|

10. इसकी सब्जी खाने से पुराने गठिया , जोड़ों के दर्द, वायु संचय , वात रोगों में लाभ होता है.

11. सहजन के ताज़े पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है.

12. सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है.

13. इसकी जड़ की छाल का काढा सेंधा नमक और हिंग डालकर पिने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है.

14. इसके पत्तों का रस बच्चों के पेट के किडें निकालता है और उलटी दस्त भी रोकता है.

15. इसका रस सुबह शाम पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है.

16. इसकी पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे धीरे कम होने लगता है.

17. इसकी छाल के काढ़े से कुल्ला करने पर दांतों के कीड़ें नष्ट होते है और दर्द में आराम मिलता है.

18. इसके कोमल पत्तों का साग खाने से कब्ज दूर होती है.

19. इसकी जड़ का काढे को सेंधा नमक और हिंग के साथ पिने से मिर्गी के दौरों में लाभ होता है.

20. इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सुजन ठीक होते है.

21. सर दर्द में इसके पत्तों को पीसकर गर्म कर सिर में लेप लगाए या इसके बीज घीसकर सूंघे.

22. सहजन के गोंद को जोड़ों के दर्द और शहद को दमा आदि रोगों में लाभदायक माना जाता है।

23. आज भी ग्रामीणों की ऐसी मान्यता है कि सहजन के प्रयोग से विषाणु जनित रोग चेचक के होने का खतरा टल जाता है।

24. सहजन में विटामिन सी की मात्रा बहुत होती है। विटामिन सी शीर के कई रोगों से लड़ता है, खासतौर पर सर्दी जुखाम से। अगर सर्दी की वजह से नाक कान बंद हो चुके हैं तो, आप सहजन को पानी में उबाल कर उस पानी का भाप लें। इससे जकड़न कम होगी।

25. इसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है जिससे हड्डियां मजबूत बनती है। इसके अलावा इसमें आइरन, मैग्नीशियम और सीलियम होता है।

26. इसका जूस गर्भवती को देने की सलाह दी जाती है। इससे डिलवरी में होने वाली समस्या से राहत मिलती है और डिलवरी के बाद भी मां को तकलीफ कम होती है।

27. सहजन में विटामिन ए होता है जो कि पुराने समय से ही सौंदर्य के लिये प्रयोग किया आता जा रहा है। इस हरी सब्जी को अक्सर खाने से बुढापा दूर रहता है। इससे आंखों की रौशनी भी अच्छी होती है।

28. आप सहजन को सूप के रूप में पी सकते हैं, इससे शरीर का रक्त साफ होता है। पिंपल जैसी समस्याएं तभी सही होंगी जब खून अंदर से साफ होगा।

Note :-
सहजन को सेवन करने से पहले अच्छा होगा कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें, विशेषकर यदि आपका कोई मेडिकल कंडीशन हो।

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