(जीवन दिशा न्यूज़) अगर गाँवों तक फैले भ्रष्टाचार को रोकना है तो RTI का इस्तेमाल करे। इसके तहत गाँवों में हो रहे विकास कार्यों जैसे सड़क, आवास, स्वास्थ व अन्य की रिपोर्ट प्राप्त करके गुणवत्ता की जाँच करने व अनियमिता पाने पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कराने का भी अधिकार है।
आरटीआई आम आदमी का हथियार हैं, इसलिए सूचना का अधिकार (RTI) क्या हैं, आरटीआई आवेदन कैसे करें, आरटीआई से कौन-कौन सी जानकारी हासिल की जा सकती हैं, निर्धारित समय के भीतर आरटीआई का जवाब ने मिलने पर अनुमन क्या करना चाहिए एवं आरटीआई से सम्बंधित अन्य आवश्यक व महत्वपूर्ण जानकारी आज इस रिपोर्ट के माध्यम से जीवन दिशा आपको उपलब्ध करा रहा हैं।
सूचना का अधिकार को अंग्रेजी के संक्षिप्तता के साथ आर०टी० आई०(Right to Information) कहा जाता है, संविधान के अनुच्छेद 19(2) के तहत सूचना का अधिकार आम आदमी का मौलिक अधिकार है,अनुच्छेद 19(1) परिभाषित है, कि प्रत्येक नागरिक को विचार और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता है,जम्मू कश्मीर राज्य को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में 12 अक्टूबर 2005 को यह अधिकार लागू हुआ था, सूचना के अधिकार के तहत प्रत्येक आम आदमी को कार्यो दस्तावेजों व अभिलेखों का मुआयना करने का अधिकार, दस्तावेजों या अभिलेखों का विवरण, उद्धरण या प्रमाणित प्रतियां हासिल करने का अधिकार, सामग्री के प्रमाणित नमूने हासिल करने का हक, प्रिंट आउट, डिस्केट्स, टेप्स, फ्लोपीज, वीडियो कैसेट्स या किसी दूसरे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या प्रिंट आउट के माध्यम मे रखी गई सूचना हासिल करने का हक है, मांगी गयी सभी सूचनाएं सम्बंधित विभाग मे तैनात वरिष्ठ अधिकारी जिसे जनसूचना अधिकारी या लोकसूचना अधिकारी अंग्रेजी मे संक्षिप्त तौर से पी०आई०ओ०(Public information officer) कहते है,
सूचना सादे कागज पर मांगी जा सकती है, सूचना मांगे जाने का शुल्क ₹10 रूपये निर्धारित है, जिसे विभिन्न रूप से अदा कर सकते है, भारतीय पोस्टल आडर, नकद, चालान, बैंकर्स चैक, डाफ्र्ट द्वारा जमा कराया जाता है, प्रमाणित प्रतियो एवं अन्य सामग्री प्राप्त करने के लिए अलग से निर्धारित शुल्क चुकाने का प्रावधान है, गरीबी रेखा से नीचे का जीवन यापन करने वाले व्यक्ति को नि:शुल्क अधिकार प्राप्त है, आवेदन प्राप्त होने की तिथि से 30 दिन के भीतर जवाब दिया जायेगा, सहायक लोकसूचना अधिकारी के पास सूचना हस्तान्तरण करने पर 5 दिन ओर जोडे गये है, यदि सूचना तृतीय पक्ष से सम्बन्धित है, तो 40 दिन(10 दिन तृतीय पक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए है)मे मांगी गयी सूचना का जवाब देना अनिवार्य है, प्राण और शारीरिक आजादी की सूचना का जवाब 48 घंटे मे देने का प्रावधान है।
समय पर सूचना देने मे असफल रहने पर प्रथम अपील विभागीय अपीलीय अधिकारी के यहाँ दाखिल की जाती है, जिसमे मांगी गयी सूचना का निर्धारित समय पूर्ण हो जाने के 30 दिन के भीतर की जाती है, यदि अपीलीय अधिकारी के यहाँ अपील सुनवाई मे लोकसूचना अधिकारी समय सीमा के अन्दर सूचना नही देना पाया जाता है, या सूचना देने मे अनुरोधकर्ता को भ्रमित करना पाया जाता है, तो लोकसूचना अधिकारी पर प्रतिदिन ₹250 के हिसाब से जुर्माना लगाया गया, जिसमे ज्यादा से ज्यादा ₹25000 तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है, यदि सूचना आवेदनकर्ता प्रथम अपील कि सुनवाई से भी संतुष्ट नही होता है, तो प्रथम अपील की सुनवाई तिथि से 90 दिन के भीतर द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग मे दाखिल कर सकता है।
सूचना का अधिकार (RTI) आम आदमी का अधिकार भ्रष्टाचार से लडने का अधिकार सरकारी मशीनरी और अपने सरकारी रूके कामो को जल्द से जल्द निस्तारित कराने का अधिकार है, सूचना का अधिकार को आम समाज को समाजहित,जनहित मे ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए, और इसके लिए समाज के सभी लोगो को जागरूक होना चाहिए तथा करना चाहिए।