(जीवन दिशा न्यूज़) भक्तों में आध्यात्मिक ज्ञान, प्रेम, सद्भाव और भक्ति की भावना को जागृत करने हेतु‘दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी‘ (संस्थापक व संचालक, डीजेजेएस) के तत्वावधान में ‘दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान‘ द्वारा ‘दिव्य धाम आश्रम‘, दिल्ली में ‘मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम’ आयोजित किया गया। इस आध्यात्मिक कार्यक्रम का शुभारम्भ वेद मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। तदोपरांत, भावपूर्ण-सुमधुर भजनों नेसंपूर्ण वातावरण को दिव्य बना दिया। डीजेजेएस के प्रचारकगणों ने मार्मिक व प्रेरकप्रवचन दिए, जिन्होंने आध्यात्मिक पथ पर भक्ति और निरंतर ध्यान के महत्व को स्पष्ट रूप से समझाया।
डीजेजेएस प्रतिनिधियों ने विस्तृत रूप से समझाया कि अध्यात्म-पथ की यात्रा के दौरान एक साधक को मार्ग में विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जो उसकेभीतर संदेह और अनिश्चितता जैसी भावनाओं को उत्पन्न करने का प्रयास करती हैं।परन्तु इस परीक्षा के समय में हमें अंतर्मुखी हो जाना चाहिए अर्थात ब्रह्मज्ञान आधारितध्यान साधना, प्रार्थना और भक्ति से जुड़ जाना चाहिए। ऐसा करके हम आत्मिकशक्ति को जागृत कर इन सभी बाधाओं को आध्यात्मिक विकास और स्वनिर्माण के अवसरों में परिवर्तित कर सकते हैं।
दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एक सच्चा ‘शिष्य‘ नि:स्वार्थ भाव से गुरु और गुरु के मिशन की सेवा करता है। वह अपना समय, प्रतिभा और संसाधन जन-कल्याण के लिए अर्पित करता है। ‘सेवा‘ के माध्यम से वह मानवता के उत्थान में योगदान देते हुए, गुरु के आदर्शों और उनके लक्ष्यके प्रति अपना समर्पण व कटिबद्धता व्यक्त करता है। अंत में प्रेम, सद्भाव और एकताकी भावना को सबके भीतर स्थापित करने हेतु सामूहिक ध्यान सत्र भी रखा गया।
इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी भक्तों ने भरपूर रूप से अपने भीतर प्रेरणाओं कोसंजोया। साथ ही दिव्य गुरु के मार्गदर्शन में अपनी भूमिका निभाने का दृढ़ संकल्प भी लिया।