(जीवन दिशा न्यूज़) दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली के दिव्य प्रांगण में दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा एक वृहद्कार्यक्रम “आशुतोषार्पणम्- उद्यमेन प्रसन्नः गुरुप्रसादफलम्” का आयोजन किया गया। पीताम्बर वस्त्र व भाल त्रिपुण्ड से सुशोभित कर इस कार्यक्रम में ६०० से भी अधिक संख्यामें ब्रह्मज्ञानी वेद पाठी सम्मिलित हुए।

दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की महती अनुकम्पा से इस कार्यक्रम का शुभारम्भदिव्य ज्योति वेद मन्दिर के तत्वावधान में प्रशिक्षित ब्रह्मज्ञानी वेद पाठियों द्वारा मन वपर्यावरण की शुद्धि की कमाना हेतु वैदिक यज्ञ के आयोजन से हुआ।
इस रमणीय कार्यक्रम के द्वितीय सोपान में सभी ने वैदिक हाट में सम्मिलित हो भारतीयसंस्कृति की एक लघु झांकी का अभिन्न अंग होने का अनुभव किया। वैदिक हाट मेंमोक्षपथः एवं लक्ष्यभेदनम् क्रीडा को प्रतिभागियों ने खेला। इस खेल में सभी प्रतिभागियोंने केवल देव-वाणी संस्कृत में वार्ता की। वैदिक हाट में तिलकधारणम् व शङ्खवादितुम्कार्यशाला में वेद पाठियों ने त्रिपुण्ड व शङ्ख को बजाना सीखा व इसके अनेकानेकलाभों से भी परिचित हुए। वैदिक संस्कृति को समर्पित वैदिक हाट का अभिन्न अङ्ग- वैदिक भोज्यम् भी रहा। कश्मीरी कहवा से मिष्टालुकम् चाट तक, प्रत्येक व्यञ्जन कोसात्विक रूप से निर्मित कर पर्यावरण-सौहार्दपूर्ण पात्रों में परोसा गया।
कार्यक्रम का मुख्याकर्षण रुद्री पाठ ग्रन्थ का लोकार्पण रहा जहाँ सभी ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों ने अपनी रुद्री पाठ ग्रन्थ की प्रतिलिपि को प्राप्त किया। दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की मंगल आरती के साथ मंच वैदिक आभा सेप्रस्फुटित हो उठा। इसके उपरान्त, संस्कृत वर्तिनी के उच्चारण स्थान पर एक विशेष सत्रआयोजित किया गया जिसमें संस्कृत के हर वर्ण के स्पष्ट व क्लिष्ट उच्चारण का सभी नेअभ्यास किया। तदोपरान्त, ब्राह्मज्ञानी वेद पाठियों ने सर्वहित की कामना को धारण करशुक्ल-यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्ययी के मन्त्रों का सामूहिक उच्चारण किया। ६०० से भीअधिक ब्रह्मज्ञानियों द्वारा वैदिक मन्त्रों के सामूहिक उच्चारण से सम्पूर्ण आभासकारात्मक तरङ्गों से स्पन्दित हो उठी।
दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के सान्निध्य में, स्वामी आदित्यानन्द जी, अध्यक्ष, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, द्वारा DJVM की नवीन मोबाइल ऐप का विमोचन कियागया। इस APP की विशेषता को बताते हुए कार्यकर्ताओं ने सभी ब्रह्मज्ञानी वेद पाठियोंको शुभकामनाएँ दी। विभिन्न शुभ सङ्कल्पों से युक्त इस दिव्य एवं भव्य कार्यक्रम केअन्तिम सत्र में साध्वी दीपा भारती जी द्वारा शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्ययी के प्रत्येकअध्याय की वैदिक विवेचना को सभी के समक्ष सम्प्रेषित किया। कार्यक्रम को रुद्री पाठप्रमाण पत्र वितरण के साथ संपन्न किया गया।