वित्तीय वर्ष 2022-23 में, भारत ने 664,753.46 मीट्रिक टन पोल्ट्री उत्पादों, जिसका मूल्‍य 1,081.62 करोड़ रुपये है, का निर्यात 57 से अधिक देशों को किया

(जीवन दिशा न्यूज़) पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव सुश्री अलका उपाध्याय की अध्यक्षता में कल दिल्‍ली में एक गोलमेज बैठक आयोजित की गई। यह रणनीतिक बैठक “भारतीय पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात: पोल्ट्री पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए चुनौतियां और रणनीतियाँ” पर विचार-विमर्श करने के लिए प्रमुख कंपनियों, राज्य सरकारों और उद्योग संघों सहित प्रमुख हितधारकों को एक साथ लेकर आई।

 

बैठक में सुश्री अलका उपाध्याय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र, जो अब कृषि का एक अभिन्न अंग है, ने प्रोटीन और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जहां फसलों का उत्पादन प्रति वर्ष 1.5 से 2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, वहीं अंडे और ब्रॉयलर का उत्पादन प्रति वर्ष 8 से 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। पिछले दो दशकों में, भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र एक विशाल-उद्योग के रूप में विकसित हुआ है, जिसने भारत को अंडे और ब्रॉयलर मांस के प्रमुख वैश्विक उत्पादक के रूप में स्थापित किया है।

 

सुश्री अलका उपाध्याय ने बताया कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलें कर रहा है। विभाग ने हाल ही में उच्च रोगजनकता वाले एवियन इन्फ्लुएंजा से मुक्ति की स्व-घोषणा प्रस्तुत किया है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, विभाग ने 33 पोल्ट्री कंपार्टमेंटों को एवियन इन्फ्लूएंजा से मुक्त माना है। विभाग ने वैधता के आधार पर विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन को 26 विभाग अधिसूचित किए हैं। 13 अक्टूबर, 2023 को स्व-घोषणा को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठनद्वारा अनुमोदित किया गया था। इसके अलावा, विभाग ने पिछले वर्षों में चारे की कमी की समस्या को हल करने के लिए कदम उठाए हैं। साथ ही, विभाग ने पोल्ट्री उत्पादों की खपत के खिलाफ कोविड काल के दौरान देश भर में फैली भ्रामक सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए भी कदम उठाए।

 

 

सुश्री अलका उपाध्याय ने पोल्ट्री निर्यात को बढ़ावा देने, भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र को मजबूत करने, व्यापार करने में सुधार करने, पोल्ट्री उत्पाद निर्यात में चुनौतियों का समाधान करने तथा अनौपचारिक क्षेत्र में इकाइयों के एकीकरण की रणनीति बनाने और विश्व मंच पर पोल्ट्री क्षेत्रों की स्थिति को और मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने पोल्ट्री और पोल्ट्री से संबंधित उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए पोल्ट्री कंपार्टमेंटलाइज़ेशन की अवधारणा को अपनाकर एचपीएआई से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए विभाग के सक्रिय दृष्टिकोण पर अंतर्दृष्टि भी साझा की।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में, भारत ने वैश्विक बाजार में महत्वपूर्ण प्रगति की, उल्लेखनीय 664,753.46 मीट्रिक टन पोल्ट्री उत्पादों का 57 से अधिक देशों को निर्यात किया, जिसका कुल मूल्य 1,081.62 करोड़ रुपये (134.04 मिलियन अमरीकी डालर)। एक हालिया बाजार अध्ययन के अनुसार, भारतीय पोल्ट्री बाजार ने 2024-2032 तक 8.1 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ 2023 में 30.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उल्लेखनीय मूल्यांकन हासिल किया।

इस गोलमेज बैठक ने गतिशील विचार-विमर्श के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, जिसने वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने तथा भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र के सतत विकास के लिए मजबूत रणनीति तैयार करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को प्रोत्साहित किया। बैठक में पोल्ट्री क्षेत्र के प्रतिनिधियों, निर्यातकों ने पोल्ट्री निर्यात से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

पशुपालन और डेयरी विभाग के बारे में:

पशुपालन और डेयरी विभाग पशु कल्याण को बढ़ावा देने, सतत पशुधन विकास सुनिश्चित करने और भारत में डेयरी और मांस से संबंधित क्षेत्रों के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

इन्वेस्ट इंडिया के बारे में:

इन्वेस्ट इंडिया राष्ट्रीय निवेश प्रोत्साहन और सुविधा एजेंसी है, जो निवेश को उत्‍प्रेरित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और भारत में व्यापार करने में सुगमता हो, इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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